गोबर से बना पेंट बना लिपाई का विकल्प, ओडिशा की एक गृहिणी ने शुरू किया बिज़नेस
सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय की पहल से देशभर में बन रहा है गोबर से पेंट, जिससे किसानों को मिला आय का नया ज़रिया तो आम लोगों को मिला पेंट का ईको-फ्रेंडली विकल्प। बरगढ़, ओडिशा में प्राकृतिक पेंट बनाने वाली दुर्गा प्रियदर्शनी से जानिए क्या हैं इसके फायदे।
गाय के गोबर से बना इको फ्रेंडली पेंट
एक समय था, जब लोग गाय के गोबर (cow dung) की समस्या से परेशान होकर पशुपालन से नहीं जुड़ते थे। वहीं, कुछ लोग दूध देने वाली गायों को प्यार से रखते थे और जो गाय दूध नहीं देती थी, उसे सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ देते थे। लेकिन आज गोबर का उपयोग इतना बढ़ गया है कि लोग सिर्फ गोबर के लिए ही गाय पालने लगे हैं। गोबर से बने कागज और लकड़ियों के बाद, अब देशभर में गोबर से बना ईको-फ्रेंडली पेंट (cow dung paint) भी काफी बिक रहा है।
- गाय के गोबर से बना इको फ्रेंडली पेंट
- दुर्गा ने कैसे शुरू किया पेंट (Cow dung paint) बिज़नेस?
- कैसे बनता है गोबर से पेंट (Cow dung paint)?
- लोगों के बीच जागरूकता के लिए उठाए कई कदम
इसकी शुरुआत भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) की ओर से की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य, ग्रामीण इलाकों में रोज़गार को बढ़ावा देना है, जिससे गांव में मौजूद संसाधन से ही उद्योग शुरू किए जा सकें। खादी इंडिया के ज़रिए गोबर से बनाए गए प्राकृतिक पेंट को बेचा जा रहा है।
इसके लिए आपको सरकार की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है। फिलहाल, बिहार सहित कई राज्यों में गोबर पेंट के प्लांट लगाए जा रहे हैं। ओड़िशा में गोबर पेंट का सबसे पहला यूनिट डालने वाली 33 वर्षीया दुर्गा प्रियदर्शनी ने जयपुर से गोबर पेंट बनाने की ट्रेनिंग लेने के बाद, बिज़नेस की शुरुआत की है।